प्रेगनेंसी के दौरान न करें ये गलतियां, वरना झेलनी पड़ेगी मुसीबत

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं कई बार ऐसी गलतियां करती है जिनसे उन्हें सतर्क रहना चाहिए। उन्हें ये मालूम तक नहीं होता कि उनकी गलती के वजह से बच्चे पर क्या बुरा असर पड़ेगा। उनकी कुछ गलतियां बच्चों के मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो प्रेगनेंसी के दौरान भूलकर भी नहीं किया जाना चाहिए।

प्रेगनेंसी में इन बातों का रखें ध्यान

बच्चों का दिमाग शून्य अवस्था में होता है। उसे जिस आकार में लाया जाए वो आ जाते हैं। इसीलिए घर में जिस तरह का माहौल होता हैं उस तरह से बच्चे चीजों को समझते हुए बढ़ते हैं। हर एक व्यक्ति जो घर में रहते हैं उन सभी के स्वभाव से बच्चे प्रभावित होंगे। घर के सदस्यों के बोलने की शैली और उनके तरीके बच्चे सबसे पहले समझते हैं। इसीलिए कभी बच्चों के सामने अपशब्द का प्रयोग न करें । आपस में सभी एक दूसरे से अच्छे व्यवहार के साथ ही रहें।

प्रेग्नेंट महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अच्छे माहौल में रहे। घर में खुशी का माहौल नहीं है तो बच्चे में चिड़चिड़ापन आ सकती है। बच्चे में इस तरह के किसी भी बदलाव के जिम्मेदार आप होंगे। इन बातों का ध्यान प्रेग्नेंट महिला खास तौर पर रखा करें। किसी आस-पड़ोस में रहने वालो की बुराई बच्चों के सामने न करें। ऐसा करने से बच्चे भी बुरी चीजें सीख जाते हैं, बच्चों के व्यवहार में एक अलग बदलाव आ जाता है। बच्चों के सामने अच्छा व्यवहार करने पर वो समझदार और आत्मविश्वासी बनेंगे।

प्रेगनेंसी के दौरान न करें नोक-झोंक

छोटी-मोटी नोक-झोंक होना पति-पत्नी के बीच तो आम बात है। इन छोटी नोक-झोंक से भी कहीं बच्चों के दिमाग पर कोई बुरा असर तो नहीं पड़ रहा। इन बातों पर भी आपको ध्यान देना होगा। किसी भी तरह का झगड़ा करना बच्चों के दिमाग पर बुरा प्रभाव डालता है। लड़ने-झगड़ने से बच्चों के दिमाग पर कुछ ऐसा प्रभाव पड़ता है कि उनका रिश्तो पर से विश्वास खोने लगता है। बड़े होकर वह रिश्तो को अहमियत नहीं देते है। इस बात का खास ध्यान रखना है कि बच्चों के सामने कोई नोक- झोंक न करें।

अगर कोई नोक-झोंक हो गया तो उसी वक्त एक दूसरे को सॉरी कहने की आदत डाले। बच्चे भी इस तरह अच्छी आदतें सीखेंगे। सॉरी कह देने से बच्चों के दिमाग में एक अलग प्रभाव बनेगा और बच्चा चीजों को ध्यान में नहीं रखेंगे।

प्रेगनेंसी के बाद रखें इन बातों का ध्यान

बच्चों का बचपन कैसे रखें अच्छा

बचपन बहुत प्यारा होता है और किसी भी बच्चे से उसका बचपन छीनना बहुत गलत होगा। घर में हिंसा जैसी माहौल बच्चों से उसका बचपन छीन लेती है। अगर किसी तरह

के झगड़े का माहोल बचपन में बच्चे देखा करते हैं, तो बच्चे के दिमाग में गलत चीजें बैठ जाती है। जिसके वजह से आगे चलकर जब वो बड़े होते हैं तो कई परिस्थितियों में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

किसी भी तरह का मारपीट बच्चे के सामने करना तनाव जैसा माहौल बच्चो के मस्तिष्क में बनाती हैं। घर में अच्छे स्वभाव के साथ एक दूसरे से बात करें। इस तरह का माहौल बच्चों के स्वभाव को निखारता है।

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न्यूक्लियर का असर जाने

न्यूक्लियर फैमिली, अगर आपने आज तक ये वर्ड नहीं सुना है तो कोई बात नहीं, आपको इतना पता होगा कि आजकल लोग अपने माता-पिता को छोड़कर अलग रहने लगे हैं। इस तरह आजकल न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड चलने लगा है। शहर में तो माता-पिता को छोड़कर अलग रहना मानो आज-कल फैशन बन गया हो।

आपको पता है इस तरह अपने दादा-दादी से बच्चों को दूर करने से उनकी परवरिश सही से नहीं हो पाती है। काफी ऐसी चीजें हैं जो दादा-दादी के साथ होने से ही हमें मालूम होती है। अगर आप बच्चों को उनके दादा-दादी से दूर करते हैं तो उनका सही तरह से विकास नहीं हो पाएगा। एक अच्छा आत्मविश्वास तभी आएगा बच्चों में जब बुजुर्ग के देख-रेख में बच्चों को रखा जाए। आस पड़ोस में चल रहे किसी तरह के गलत चीजों से बचाने के लिए दादा-दादी का ध्यान ज्यादा रहता है। वो बच्चों को सही और गलत में अंतर सिखाना अच्छे से जानते हैं।

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